पदार्थ की भौतिक प्रकृति
1. पदार्थ की भौतिक अवस्थाएँ
पदार्थ मुख्य रूप से तीन अवस्थाओं में स्थित होता है :-
(i) ठोस( Solid) - ठोस पदार्थों में कण बहुत निकट होते हैं और उनकी गति केवल कंपन( vibration) तक सीमित होती है । ठोस पदार्थों का आकार और आयतन निश्चित होता है ।
(ii) द्रव( Liquid) - द्रवों में कण ठोस की तुलना में कम सघन होते हैं और एक- दूसरे के ऊपर फिसल सकते हैं । द्रवों का आयतन निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नहीं होता — यह पात्र के आकार को ग्रहण कर लेता है ।
(iii) गैस( Gas) - गैसों में कण एक- दूसरे से बहुत दूर होते हैं और स्वतंत्र रूप से गति करते हैं । इसलिए गैसों का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित आयतन । वे पूरे उपलब्ध स्थान को भर देती हैं ।
2. पदार्थ की विशेषताएँ( Characteristics of Matter)
पदार्थ सूक्ष्म कणों से बना होता है - ये कण परमाणु, अणु या आयन हो सकते हैं । इन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता, लेकिन इनके गुणों और व्यवहार से इनका अस्तित्व सिद्ध होता है ।
अंतराणुक आकर्षण बल( Intermolecular Forces)- पदार्थ के कणों को आपस में बाँधकर रखने वाली शक्तियाँ होती हैं जिन्हें अंतराणुक बल कहा जाता है । ये बल ठोसों में सबसे मजबूत, द्रवों में मध्यम और गैसों में सबसे कमजोर होते हैं ।
कणों की गति( Particle Movement) - पदार्थ के कण हमेशा गतिशील रहते हैं । ठोस में यह गति केवल कंपन होती है, द्रवों में कण एक- दूसरे पर फिसलते हैं, और गैसों में कण स्वतंत्र रूप से चलते हैं ।
3. प्रसरण( Diffusion)
प्रसरण वह प्रक्रिया है जिसमें कण एक उच्च सघनता वाले क्षेत्र से निम्न सघनता वाले क्षेत्र की ओर स्वतः मिलते हैं । गैसों में यह प्रक्रिया सबसे तेज़ होती है क्योंकि उनके कणों के बीच बहुत अधिक स्थान होता है, द्रवों में यह मध्यम गति से होती है, और ठोस में सबसे धीमी होती है ।
उदाहरण यदि आप पानी में स्याही की एक बूँद डालें, तो वह धीरे- धीरे पूरे पानी में फैल जाती है — यही प्रसरण है ।
4. संपीड़नशीलता( Compressibility)
• ठोस ठोसों को विशेष रूप से संपीड़ित नहीं किया जा सकता क्योंकि इनके कण बहुत निकट होते हैं ।
• द्रव द्रव भी आसानी से संपीड़ित नहीं होते क्योंकि इनके कण भी अपेक्षाकृत पास होते हैं ।
• गैस गैसों को आसानी से संपीड़ित किया जा सकता है क्योंकि इनके कण दूर- दूर होते हैं और इनके बीच बहुत अधिक रिक्त स्थान होता है ।
5. विस्तार( Expansion)
जब पदार्थ को गर्म किया जाता है, तो इसके कण ऊर्जा ग्रहण कर दूर- दूर हो जाते हैं, जिससे पदार्थ का विस्तार होता है ।
ठोस, द्रव और गैस — सभी गरमी मिलने पर फैलते हैं, लेकिन सबसे अधिक विस्तार गैसों में दिखाई देता है ।
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